न्यूड वर्जिन गर्ल स्टोरी में मेरी माँ ने मुझे अपनी पहली चुदाई की पूरी कहानी बताई थी कि कैसे मम्मी के मौसा ने अपने बड़े लंड से मेरी माँ की चूत को फाड़ा था.
दोस्तो, कैसे हो आप सब … उम्मीद करता हूँ कि आप फ्री सेक्स स्टोरी पढ़ कर पूरा आनन्द ले रहे होंगे.
मेरा नाम सूरज है और मैं राजस्थान में जयपुर का रहने वाला हूँ.
आज मैं आपको अपनी रंडी मां की एक सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
यह न्यूड वर्जिन गर्ल स्टोरी एक बार मेरी मां ने ही मुझे चुदाई के बाद बताई थी.
मेरी मां का नाम वर्षा है.
मैं आपको मां के बारे में क्या ही बताऊं … आह उनकी मोटी मटके जैसी टाईट गांड, जिसे देख कर किसी बूढ़े के अन्दर भी जवानी की हवस जाग जाए.
मां 48″ वाले नाप की पैंटी पहनती हैं, इसी से आप समझ गए होंगे कि आखिर मैं उनकी गांड की इतनी तारीफ क्यों कर रहा हूं.
मेरे पिता नहीं हैं, उनको गुजरे हुए 12 साल हो गए थे इसलिए मैं अपनी रंडी मां के इतने पास आ पाया था. मेरे उनके साथ जिस्मानी संबंध बन गए थे और हम दोनों मस्ती से चुदाई का मजा लेते थे.
एक बार मैं और मेरी मां शिमला घूमने गए थे.
उसी रात को होटल में मैंने मां को गोली खाकर चोदा था और चुदाई के बाद मेरी मां जब मेरे ऊपर लेटी थीं.
तब मैंने उनकी बड़ी गांड को सहलाते हुए पूछा- वर्षा, तूने अपने चूत की सील किससे और कब तुड़वाई थी?
मैंने इतना कहा ही था कि एकदम से उनके चहरे पर हवस भरी चमक ऐसे छा गई.
उनकी इस तरह की खुशी देखकर मैंने फिर से पूछा, तो वे पहली बार किसी आदमी के नीचे दबने की कहानी सुनाने लगीं.
तब मैं गांव में रहती थी, मेरा तब का जलवा ही कुछ अलग था.
मैं उस वक्त दसवीं तक की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी.
चूंकि गांव में स्कूल सिर्फ दसवीं तक का ही था इसलिए मेरी मां ने पिताजी और मौसी से बात की.
मौसी शहर में रहती थी तो उन्होंने कहा कि वर्षा को शहर में भेज दो.
उनकी बात से मेरे माँ पिताजी भी राजी हो गए तो उन्होंने मुझे कुछ दिन बाद भेजने का फैसला कर लिया.
उस समय मेरी उम्र अठारह साल की हो गई थी.
मैं गांव की रहने वाली थीं, यही कारण था कि मेरी पढ़ाई काफी बड़ी होने के बाद शुरू हो सकी थी क्योंकि गांव में ऐसे ही होता है.
फिर कई दिन यूं ही निकल गए और सारी तैयारी होने के बाद पिता जी मुझे मौसी के घर छोड़ आए.
शहर में मेरे मौसा ने जैसे ही मेरे मदमस्त यौवन को देखा, वे मेरे के पास आ गए और मुझको गले लगाते हुए वे मेरी गांड को सहलाने लगे.
यह महसूस करके मुझको थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि आज पहली बार मेरी गांड को किसी ने इस तरह से सहलाया था.
मौसा ने मौसी को आंख मारते हुए कहा- देखो तो जरा, वर्षा तो अब एकदम जवान, सुन्दर और किसी की प्यास बुझाने के काबिल हो गई है!
इस बात पर मौसी थोड़ा मुस्कुरा दीं और समझ गईं कि अब मेरी चूत पर उनके पति का दिल आ गया है.
लेकिन मुझको कुछ समझ नहीं आया तो मैंने पूछ ही लिया- प्यास बुझाने के काबिल से क्या मतलब हुआ मौसा जी?
तो मौसा ने कहा- अरे वर्षा, अब तू बड़ी हो गई है, तो तुझे इस बारे में पता होना ही चाहिए कि एक जवान लड़की को सबसे पहला काम क्या करना चाहिए. लेकिन कोई बात नहीं, पर तुम कुछ पढ़ने और कुछ सीखने के लिए ही तो आई हो ना! कोई बात नहीं, मैं और तेरी मौसी ही तुझे सब सिखा देंगे. तू जब वापस जाएगी तो हम दोनों तुझे पूरी तरह से ट्रेंड करके ही भेजेंगे.
ये कहकर मौसा और मौसी जी फिर से हंसने लगे.
अब मौसा जी वहां से उठकर चले गए.
कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए.
मौसा जी ने भी मेरे साथ अभी कुछ भी नहीं किया था.
फिर मौसा ने मौसी के साथ मिलकर एक प्लान बनाया, जिसमें मौसी बाजार जाने की कहकर निकल जाएंगी और शाम तक वापिस नहीं आएंगी.
दरअसल मौसा ने मौसी के साथ मिलाकर पहले ही ये प्लान बना लिया था कि वे मुझको चोदेंगे और मौसी को भी कोई आपत्ति नहीं थी.
जब मौसी बाजार जाने का कहकर निकल गईं, तो मौसा ने मुझे अपने कमरे में बुलाया.
उन्हें अपने पास में बिठाया. मैं भी बैठ गईं.
मौसा ने कहा- वर्षा, तेरी ये गांड तो अभी से ही बड़ी हाहाकारी है, यह तो तेरी मौसी से भी बड़ी है.
मौसा के मुँह से ये ऐसी बात सुन कर मैं थोड़ी डर गई और शर्मा गई.
मौसा- अरे तू शर्मा क्यों रही है?
मैं- आप ये क्या बोल रहे हो मौसाजी?
मौसा- अरे सही ही तो बोल रहा हूं. तूने पहला काम वह किया, जो मैंने और मौसी ने तुझे बोला था कि हर लड़की करती है!
मैं- आपने मुझे तो बताया ही नहीं कि मुझे करना क्या है!
मौसा- अरे अब तू छोटी नहीं रही, तूने कभी चुदाई की है?
मैं- वह क्या होती है?
मौसा- चल कपड़े उतार, मैं तुझे बताता हूँ!
मैं- नहीं, मैं नहीं उतारूंगी!
मौसा- अरे यही तो वह पहला काम होता है. मैं तुझे सिखा रहा हूँ. सीख ले, वरना में बाद में कोई नहीं बताएगा और तेरा काम उठ जाएगा!
फिर मैं अपने कपड़े उतारने लगी. मैंने पहले अपनी टी-शर्ट उतारी.
मैंने लाल ब्रा पहन रखी थी और उसके बाद मौसा ने मेरी पजामी भी उतरवा दी.
मैं लाल ब्रा पैंटी में थीं, उन्हें देख कर मौसा का मन डोलने लगा.
मैं गांव से थी इसलिए मैं पूरी फिट और हृष्ट-पुष्ट थी.
मौसा जी धीरे धीरे मुझे को पूरी नंगी कर दिया. अब वे मेरे बड़े बड़े बोबों को पकड़ कर सहलाने और चूसने लगे.
मेरे मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- अहोह्ह मौसा अहह.
मौसा ने मेरी चूत पर उंगली को फेरना शुरू कर दिया और उनके होंठों को किसी प्यासे कुत्ते की तरह चूसने लगे.
एक ही मिनट में मेरी चूत पानी पानी हो गई, जिसे मौसा नीचे झुक कर चाटने लगे.
कुछ मिनट की चुसाई के बाद मौसा ने अपना गधे जैसा हथियार निकाला. उसे देखकर मेरी चूत में और खुजली होने लगी.
मौसा ने मुझे नीचे बैठने को कहा.
मैं तुरंत बैठ गईं.
मौसा ने लौड़ा पकड़ कर मेरे मुँह में डाल दिया.
उनका लौड़ा इतना बड़ा था कि मैं उनके लौड़े का टोपा भी बड़ी मुश्किल से चूस पा रही थी.
मौसा ने टोपे को मुँह में रखा और एक हाथ से लौड़े को पकड़ कर मुठ मारने लगे.
वे मेरे मुँह में ही झड़ गए.
मेरा पूरा मुँह वीर्य से भर चुका था.
मौसा ने अपना आठ इंच का लंबा और चार इंच मोटा हथियार मेरे बड़े बोबों के बीच में फँसा दिया और बूब फकिंग का मजा लेने लगे.
थोड़ी देर के बाद मौसा ने मुझे सीधा लिटा दिया और अलमारी से एक तेल की शीशी निकाल ली.
उन्होंने तेल को मेरी छोटी सी फुद्दी पर लगाया और मल दिया.
फिर थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा कर लंड को सहलाते हुए मुझे नंगी पड़ी देखने लगे.
फिर वे मेरी चूत पर थोड़ा और तेल लगाने लगे.
मैं अपनी चूत पर मौसा के हाथ का स्पर्श पाकर गनागना गई थीं और अब चुदाई के फूल मूड में आ गई थी.
मैं उस वक्त धीरे धीरे कांप भी रही थी क्योंकि उत्तेजना काफी बढ़ गई थी.
मौसा भी समझ गए कि यही सही समय है जब इसकी कुंवारी चूत की सील तोड़ी जा सकती है.
मुझे रंडी बनाने के लिए मौसा ने अपना लौड़ा चूत पर सैट किया और धक्का दे मारा.
पर मौसा का मोटा लंड मेरी चूत पर सही से सैट नहीं हो पाया था तो फिसल गया.
मां की सांसें और तेज हो गई थीं.
मौसा ने फिर से चूत को थोड़ा सा खोला और लौड़े ठीक से सैट किया.
अब की बार के धक्के के बाद लौड़े का टोपा अन्दर चला गया.
मेरी चीख निकल गई.
मौसा ने उन पर ध्यान नहीं दिया और वापस एक करारा शॉट मार दिया.
अब आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था.
मेरी आखों में आंसू आ गए.
मौसा ने आधे घुसे लंड को टोपे तक बाहर निकाला और वापस एक जोरदार शॉट मार दिया.
इस बार तो मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. मेरी जोर से एक चीख निकल गई और गांड से थोड़ी सी टट्टी भी निकल गई.
आगे चूत से खून आने लगा.
अब तो चूत फट चुकी थी.
इतने लंबे और मोटे लौड़े से चुद कर मेरी चूत का भोसड़ा बन गया था.
मौसा जी मेरी चूचियों को चूसने लगे और सहलाने लगे.
दो मिनट बाद मैं होश में आई.
लेकिन तब तक तो मेरी चूत में मानो आग सी लगी पड़ी थी.
मैं दर्द से बेजार थी और रोने लगी थी जबकि मौसा चुदाई में लगे पड़े थे.
मैं मौसा को थप्पड़ मारने लगी लेकिन वे कहां रुकने वाले थे.
उन्होंने अपने शॉट लगाने जारी रखे. कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा था तो अब मैं मौसा जी की गांड पकड़ कर उन्हें अपनी चूत की जोर जोर से चुदाई करने की कहने लगी थी.
मौसा का लंड भी नहीं रुका और वे मेरी चूत को ताबड़तोड़ चोदते रहे.
मुझको पहली बार अपनी चूत की चुदाई का मजा मिला था तो मैं फुल मजा ले रही थी.
काफी देर तक मौसा ने मेरी चुदाई जारी रखी.
उसके बाद मौसा ने अपना लंड चूत से निकाला और मुठ मार कर रस चूत के ऊपर टपका दिया.
न्यूड वर्जिन गर्ल सेक्स के बाद हम दोनों काफी थक गए थे तो यूं ही नंगे लिपट कर लेट गए.
मौसा ने मेरे होंठों को चूसते हुए पूछा- मजा आया वर्षा?
मैंने कहा- हां मौसा जी आज मेरी खुजली मिटा दी आपने … सच में चुदाई सीखना बहुत जरूरी होता है. लेकिन यह दर्द का क्या है, क्या यह हर बार होगा?
मौसा- नहीं, अब दर्द का काम खत्म हो गया. अब सिर्फ चुदाई का ही मजा आएगा.
हम दोनों इसी तरह से बात करते रहे और पुनः चुदाई का मूड बन गया तो मौसा जी दोबारा से मेरी चुदाई करने लगे और मौसा मेरी कमसिन जवानी का मजा लेने लगे.
कुछ देर बाद हम दोनों नंगे ही नहाने या गए और मस्ती करने लगे.